दुनिया भर के 180 से भी ज़्यादा देशों में कोरोना वायरस  (Corona Virus) से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। WHO-विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक महामारी घोषित किया है। अतः लोग इससे बचने के तरीके ढूंढने में लगे हैं. इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे कोरोना वायरस आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।

ये हम भारतियों की खुशकिस्मती है के भारत के वातावरण और हमारे दैनिक जीवन में ऐसी कई घरेलु औषधियां और जड़ीबूटी हैं, जिनके उपयोग से हम अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत कर सकते हैं ताकि वो इस तरह की वायरस से हमारी सुरक्षा कर सके।

आयुर्वेद में ऐसे कई उपाय हैं जिनको अपना कर आप अपने घर तथा आस-पास के वातावरण को कोरोना वायरस के प्रकोप से भी मुक्त रख सकते हैं|

Corona virus Prevention Tips: (कोरोना वायरस आयुर्वेदिक उपचार)

भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रही है। COVID-19 वायरस के कारण अब तक हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने का एक मात्र उपाय स्वास्थ्य दिशा निर्देशों का पालन करना है। नियमित तौर पर सा​फ सफाई करते रहना आवश्यक है, खासतौर पर हाथ धोना।

इन सबके साथ यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहेगी तो आप औरों के तुलना में कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने में ज्यादा सफल रहेंगे। आयुर्वेद में ऐसे कई उपाय हैं, जिनको अपना कर आप अपने शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकते हैं, साथ ही अपने घर तथा आस-पास के वातावरण को कोरोना वायरस के प्रकोप से भी मुक्त रख सकते हैं।

 

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कैसे फैलता है कोरोना वायरस ?

1. जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं, इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं |

2. संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं ।

3. या फिर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं।

नुस्खा:- खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

क्योकि फेस मास्क इससे प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते इसलिए हमें इससे बचने के अन्य उपायों का भी ध्यान रखना होगा। इसके बारे में आगे इसी लेख में बात करेंगे।

कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं ?

इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है. बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है।

बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई आसानी से भ्रमित हो सकता है।

वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन 5-14 दिन लगते हैं। हालांकि लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं।

अधिकतर मामलों में हम नहीं जान सकते हैं कि हमें या हमारे साथी को सामान्य बुखार है या फिर कोरोनावायरस। यानि सच्चाई जानने के लिए लैब टेस्ट कराना जरूरी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है. हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है।

कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है.

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक् उपाय हैं, जिनका पालन करके हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

चलिए जान लेते हैं कोरोना वायरस आयुर्वेदिक उपचार के बारे में? नीचे दिए गए तरीके आयुर्वेद संहिता द्वारा बताई गई नेमत है.

इसका प्रयोग कर सकते हैं आप जो निःसंदेह कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार साबित होगा।

1. नियमित तौर पर गुनगुना पीना पिएं: COVID-19 वायरस के प्रभाव से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप नियमित तौर पर गुनगुना पीना पिएं।

2. नियमित जूस लें : शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरूस्त रखने के लिए आपको नियमित तौर पर उचित मात्रा में आंवला, एलोवेरा, गिलोय, नींबू आदि का जूस पीना चाहिए।

3. तुलसी रस / अर्क: रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के आप पानी में तुलसी रस की कुछ बूंदें डालकर पी सकते हैं। (बाजार में कई अर्क उपलब्ध हैं, आप किसी अच्छी कंपनी का तुलसी अर्क ले सकते हैं। )

4. हलके गर्म दूध में हल्दी: 300 ml गर्म दूध में 2-3 ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

5. काढ़ा:

इम्यून सिस्टम की बेहतरी के लिए आप अष्टादसांग काढ़ा, गुडूच्यादि काढ़ा , अमृतउत्तरम काढ़ा या सिरिशादी काढ़ा का सेवन करना उत्तम रहेगा।

6. कपूर का धुंआ :  घर और आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए आप नियमित तौर पर नीम की पत्तियों, गुग्गल, राल, देवदारु और दो कपूर को साथ में जलाएं। उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।

7. तुलसी लौंग का धुंआ: इसके अलावा आप चाहें तो गुग्गल, वचा, इलायची, तुलसी, लौंग, गाय का घी और खांड को किसी मिट्टी के पात्र में रखकर जलाएं और उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।

8. तुलसी के पत्ते: इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आप नियमित तौर पर तुलसी की 5 पत्तियां, 4 काली मिर्च, 3 लौंग, एक चम्मच अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं।

9. तुलसी चाय : चाय पीने के शौकीन हैं, तो आपको नियमित रूप से 10 या 15 तुलसी के पत्ते, 5 से 7 काली मिर्च, थोड़ी दालचीनी और उचित मात्रा में अदरक डालकर बनाई गई चाय पीनी चाहिए। य​ह आपको रोगों से बचने में मदद करेगी।

10. सावधानी बरतें :

    • संक्रमण से बचाव के लिए 20 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं।
    • खांसते या छींकते समय नैपकिन या कपड़े से मुंह को ढंके।
    • सफर के दौरान एन-95 मास्क का इस्तेमाल करने की भी हिदायत दी गई है।
    • किसी मरीज को सीधे ना छुएं।

1. अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें।
2. खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।
3. जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें।
4. मीट और अंडों को अच्छे से पकाएं।
5. जंगल और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं।

Medicine for Corona virus (कोरोनावायरस के रोकथाम के लिए औषधियां)

कोरोनावायरस रोग (COVID-19) को रोकने या उसका इलाज करने के लिए कोई विशिष्ट दवा अभी तक बनाया नहीं जा सका है। लेकिन हम इससे बचने या इसके असर को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।

वहीं आयुर्वेद के अनुसार ये वायरस मुख्य रूप से प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होने पर अपना टार्गेट बनाता है।

और यदि हम अपने  शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर लें तो ये हमे कोरोना वायरस से बचने में सबसे बेहतर उपाय होगा ।

आयुर्वेद की कुछ दवाएं और सम्मिश्रण (Combination) इस प्रकार हैं ।

नोट: निम्नलिखित दवाइयां लेने से पहले पास के किसी आयुर्वेद के चिकित्सक की सलाह से ले ।

Rx

(चूर्ण/ रस सम्मिश्रण : पतंजलि केंद्र में उपलब्ध हैं  )

  1. सितोपलादि चूर्ण: 50 ग्राम 
  2. त्रिकूट चूर्ण : 25 ग्राम 
  3. स्वसारी रास : 20 ग्राम 
  4. अभ्रक भस्म : 5 ग्राम 
  5. टंकण भस्म : 5 ग्राम 
  6. प्रवाल पिष्टी : 5 ग्राम 
  7. स्वर्ण बसंत मालती रस : 2 ग्राम 
  8. गिलोय सत : 20 ग्राम 
  9. गोदन्ती भस्म : 20 ग्राम 

ऊपर लिखे (1-9) चूर्ण और भस्म को मिला (Mix) ले और 2.5 ग्राम से 3 ग्राम खली पेट शहद के साथ साथ दिन में 2 बार लें ।

ऊपर लिखे मिश्रण के साथ निम्नलिखित सहायक वटी भी हलके गरम पानी के साथ लें ।

  1. लक्ष्मी विलास रस : 2 टेबलेट सुबह शाम  लें ।
  2. त्रिभुवन कीर्ति रस : 1-2 टेबलेट सुबह शाम लें । (बुखार ज्यादा होने पर 2 गोली दिन में 3 बार ले सकते हैं  )
  3. इसके अलावा एक लीटर पानी में तुलसी की 3 से 5 पत्तियां उबालें।
    जब ये पानी आधा रह जाए तो ठंडा करके घूंट-घूंट करके पिएं।
  4. अणु तेल या तिल के तेल की दो बूंद रोजाना सुबह नाक में डालें।
  1. खांसी ज्यादा होने पर :-
    अगस्त्य हरितिकी 
    या चित्रक हरीतकी या वासावलेह रस : इनमे से कोई एक (2-5 ग्राम) दिन में दो बार गरम पानी या शहद के साथ लें।
  2. संशमनी वटी   :  (2 गोली ) दिन में 2 बार (सुबह शाम ) हलके गरम पानी के साथ, खालीपेट लें ।
    ( बुखार ज्यादा होने पर इसे भी उपयोग में ले सकते हैं )
  3. साथ ही जल्दी बुखार नियंत्रण के लिए पेरासिटामोल 500-600mg टेबलेट ले सकते हैं ।

(Rx) खुराक और सेवनविधि

सामान्य खुराक इस प्रकार है।

शिशुओं 1 साल से 2 साल शिशुओं के लिए नहीं है ।
बच्चे 5 साल से 10 साल तक 0.5 ग्राम से 2 ग्राम * क्षमतानुसार 
वयस्क 2.5-3 ग्राम *
गर्भावस्था सलाह नहीं की गई
बुजुर्ग (Old age) 2 से 3 ग्राम * क्षमतानुसार 
अधिकतम संभव खुराक 8 ग्राम ** 

* दिन में दो बार
** विभाजित खुराक में कुल दैनिक खुराक

उपरोक्त आयुर्वेदिक औषदीयों के साथ साफ़ सुथरे स्थान पर जहाँ शुद्ध वायु मिल सके.

प्राणायाम भी 5-15 मिनट तक करें। कोरोना वायरस आयुर्वेदिक उपचार से सम्बंधित व्यायाम/प्राणायाम कुछ इस प्रकार हैं

  1. अनुलोम विलोम प्राणायाम
  2. कपालभाति प्राणायाम
  3. भस्त्रिका प्राणायाम
कोरोना वायरस आयुर्वेदिक उपचार:

अपने अभी तक के आयुर्वेदिक उपचार के अनुभव के आधार पर जो बेहतर सहायक उपचार संभव है. वो मैंने इस लेख में साझा किया है .

यदि आपके कोई सवाल हों तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं। जल्दी रिप्लाई करने की पूरी कोशिश रहेगी |

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